आपके जानिब.....

आपके जानिब...आप सभी को अपनी रचनाओं के माध्यम से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास हैं, जहाँ हर एक रचना में आप अपने आपको जुड़ा हुआ पायेंगे.. गीत ,गज़ल, व्यंग, हास्य आदि से जीवन के उन सभी पहलुओं को छुने की एक कोशिश हैं जो हम-आप कहीं पीछे छोड़ आयें हैं और कारण केवल एक हैं ---व्यस्तता

ताजगी, गहराई, विविधता, भावनाओं की इमानदारी और जिंदगी में नए भावों की तलाश हैं आपके जानिब..

Wednesday, June 23, 2010

लक्ष्य


अपनी इच्छाओं का जो गला दबाते हैं,

वे लोग अपनी जिंदगी में हार जाते हैं,

कोसते रहतें हैं सदा अपनी तकदीर को,

कष्ट पहुँचाते हैं वे अपने शरीर को,

जो तकदीर के सहारे बैठ जाते हैं,

वे लोग अपनी जिंदगी में हार जाते हैं,

ऐसे लोगों का कोई लक्ष्य नहीं होता,

ऐसे लोगों का कोई पक्ष भी नहीं लेता,

जो बिना लक्ष्य के पथ पे चलते जाते हैं,

वे लोग अपनी जिंदगी में हार जाते हैं,

मत दबाओं तुम अपनी इच्छाओं का गला,

तकदीर को न कोसों और लक्ष्य को ज़िला,

फिर देखों कैसे तीर निशाने पर बैठ जाते हैं,

जो हारते थे कभी जिंदगी से, वे जीत जाते हैं.

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