लक्ष्य
अपनी इच्छाओं का जो गला दबाते हैं,
वे लोग अपनी जिंदगी में हार जाते हैं,
कोसते रहतें हैं सदा अपनी तकदीर को,
कष्ट पहुँचाते हैं वे अपने शरीर को,
जो तकदीर के सहारे बैठ जाते हैं,
वे लोग अपनी जिंदगी में हार जाते हैं,
ऐसे लोगों का कोई लक्ष्य नहीं होता,
ऐसे लोगों का कोई पक्ष भी नहीं लेता,
जो बिना लक्ष्य के पथ पे चलते जाते हैं,
वे लोग अपनी जिंदगी में हार जाते हैं,
मत दबाओं तुम अपनी इच्छाओं का गला,
तकदीर को न कोसों और लक्ष्य को ज़िला,
फिर देखों कैसे तीर निशाने पर बैठ जाते हैं,
जो हारते थे कभी जिंदगी से, वे जीत जाते हैं.
bahut badhiya likha hai..!
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