जिन्दंगी जब भी मुझे उनके करीब लाती हैं,
हर इक शाम मुझे और हसीं नज़र आती हैं,
हालात् अपने पहले तो ऐसे न थे कभी,
हमें प्यार आता है वो प्यार से घबराती हैं,
जिन्दंगी जब भी मुझे उनके करीब लाती हैं,
हर इक शाम मुझे और हसीं नज़र आती हैं,
दिल तो पहले भी धड़कता था मेरा उनके लिये
अब तो सांसों में भी बस उनकी महक आती हैं,
जिन्दंगी जब भी मुझे उनके करीब लाती हैं,
हर इक शाम मुझे और हसीं नज़र आती हैं,
दिल चाह कर भी उनसे कुछ कह न पाये,
उनकी हालत भी मेरे जैसी ही नज़र आती हैं,
जिन्दंगी जब भी मुझे उनके करीब लाती हैं,
हर इक शाम मुझे और हसीं नज़र आती हैं,
कविता अच्छी लगी धन्यवाद्|
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
अच्छी रचना. ब्लॉग जगत में स्वागत है.
ReplyDeleteवाह वाह -बहुत खूब
ReplyDeleteइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteसंगीता जी, राकेशजी,राजीवजी,अजयजी,आनंदजी और Patalijee को बहुत बहुत धन्यवाद..
ReplyDeleteकाफी रुमानियत भरी ग़ज़ल है..इसी तरह लिखते जाइये अलोक जी
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