मैं सीरीयस था, वो funny थी
ना जाने किस बात पर वो तनी थी,
टूटा जब दिल तब समझ में आया,
मैं पीतल का छल्ला, वो हीरे की गनी थी,
मैं सीरीयस था, वो funny थी.......
मिले थे बन ने, एक दूजे का हमदम,
पर क्या मालूम था की निकल जायेगा दम,
कुछ दूर चल कर दिखा दिया उन्होंने ठेंगा,
हाय! हाय! वो जालिम, कितनी ही cunning थी,
मैं सीरीयस था, वो funny थी.......
दिल दिल ना हुआ आनाथालय हुआ,
बस जिसको देखा उसी का कायल हुआ,
कमीना था दिल बस निकल पड़ा half hearted,
पर वो मुस्कुराते हुए, पत्थर की तरह खड़ी थी,
मैं सीरीयस था, वो funny थी........
चाहा था अपने सपनों के चावल पकाना,
और उनकी पकी दाल से इसे मिलाना,
पर हुई cooking waste और समझ में आया,
कि उनकी दाल तो कहीं और ही गली थी,
मैं सीरीयस था, वो funny थी........
bahut hi majedar rachna .badhai.
ReplyDeletegood one...interesting...
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