आपके जानिब.....

आपके जानिब...आप सभी को अपनी रचनाओं के माध्यम से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास हैं, जहाँ हर एक रचना में आप अपने आपको जुड़ा हुआ पायेंगे.. गीत ,गज़ल, व्यंग, हास्य आदि से जीवन के उन सभी पहलुओं को छुने की एक कोशिश हैं जो हम-आप कहीं पीछे छोड़ आयें हैं और कारण केवल एक हैं ---व्यस्तता

ताजगी, गहराई, विविधता, भावनाओं की इमानदारी और जिंदगी में नए भावों की तलाश हैं आपके जानिब..

Wednesday, December 15, 2010

ग़ज़ल

दिल ने मुझसे ये एक बात कह दी

इश्क आसां नहीं हैं आज रात कह दी

दिल ने मुझसे ये एक बात कह दी....

चाहा था जिस शिद्दत से मैंने उनको,

उसी शिद्दत से उन्होंने ना कर दी...

दिल ने मुझसे ये एक बात कह दी....

मैंने देखे थे जो उनको ले के सपने,

सामने उसने मेरे हकीकत रख दी,

दिल ने मुझसे ये एक बात कह दी....

कमबख्त़ ! इश्क के हाथों था मजबूर,

वो हसीं बन के आयीं और चल दी

दिल ने मुझसे ये एक बात कह दी....

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